Sunday, November 13, 2016

कुछ बात बने

लाशों के ढेर पर राजनीती किया तो क्या किया
माशूमों में प्यार बांटकर दिखाओ तो कुछ बात बने

खून की होली खेलकर राज किया तो क्या किया
दुश्मनो को परास्त करो तो कुछ बात बने

आपस में लड़ाकर कुर्सी बचाई तो क्या किया
सब को साथ लेकर आगे बढ़ो तो कुछ बात बने

युद्ध करके दहसत फैलाई तो क्या किया
प्यार का दिया जलाओ तो कुछ बात बने

बारूद  की ढेर पर दुनिया को बिठाया तो क्या किया
अब इस दुनिया को  बर्बादी से बचाओ तो कुछ बात बने








Saturday, May 16, 2015

दुनिया -ए -फानी

संभल जाओ इंसानो ये दुनिया -ए -फानी है।
कहीं फूल कहीं काटें कहीं पानी ही पानी है ।

इशारे  कर रहा खुदा बात ये सब ने मानी है।
कभी  जलजला व तूफ़ान से मिटटी में मिलजानी है।

रह जाएगा सब यहीं कुछ साथ नहीं जानी है।
ऐसा लगता है के जैसे हर चीज़ बेगानी है।

करो तिलावत पढ़ो नमाजें साथ यही जानी है।
कुछ न जाएगा इस जग से सब यहीं रह जानी है।

Saturday, December 27, 2014



किस पे यकीन करूँ किसपे यकीन नहीं
जिसपे यकीन करो दगा देता है वही

मोम सा दिल है मेरा फिर भी जाने क्यों
मिला है जो भी अबतक पत्थर दिल मिला

नकली सूरत सामने होती असली दिलके पीछे
नकली सूरत जीतनी सुन्दर दिल के उतने काले

कोई कहे आवारा मुझको कोई कहे दीवाना
रंगबिरंगी इस दुनियां में कम होते दिलवाले 

Wednesday, December 3, 2014



यूं  ग़मज़दा होकर जिया नहीं जाता
जहर  जिंदगी का पिया नहीं जाता 

अब तो तेरा ही इक सहारा है रब्बा 
दर्दे दिल अब और सहा नहीं जाता 

कुछ मुझपे भी रहम करदे खुदा 
उनकी याद दिल से भुलाया नहीं जाता 

राह तकती है तेरी हरदम मेरी आँखें 
तेरे चहरे से नजर हटाया नहीं जाता 

आ लगजा गले शिकवे मिटाकर अबतो 
तुमबिन इक पल भी और जिया नहीं जाता 

Sunday, July 20, 2014



मिलने का एक बहाना था
हाल -ए -  दिल सुनाना था

हंसी दिल का नजराना है
बाकी सबकुछ अफ़साना है

हर दिल को यही समझाना है
यहाँ  से किसको क्या ले जाना है

यही पैगाम पहुँचाना  था
चिराग -ए -मुहब्बत जलाना था








Thursday, May 2, 2013



न मिल सकूँ जिंदगी में तो बेवफा न समझना
क्या करूँ वक्त और हालात तुमसे मिलने की इजाजत नहीं देते

प्यार तो सच्चा है ये अपना लेकिन
जमाने की रश्मो रिवाज हमें साथ साथ चलने नहीं देते

माना की इसमें हम दोनों की खता नहीं पर
ये फासले चैन से जीने नहीं देते

गर मुझसे कोई खता हुई तेरी नजर में तो माफ़ी देना
ये उलझन मुझे रात भर सोने नहीं देते

ताकयामत दिल में चराग जलाए रखना" रेयाज़ " कयोकी
चाह कर भी दिल , दिल से जुदा होने नहीं देते


Monday, April 22, 2013



मैं तेरे बिन कुछ भी नहीं
जैसे बिन पानी के बदरा 

सबकी नजर है मुझपे जबसे 
बनीहो, मेरी दिलबरजानी 

देखू  तुझे तो नजर न हटे 
ये है खुदा की मेहरबानी 

तेरी अंखियों में डूबकर 
कर लूं सफल अपनी जिंदगानी 

तेरे दो सुन्दर नैनो का क्या कहना 
चेहरे पर पर इतना अच्छा पानी 

कस्तूरी सा महके तेरा बदन 
जैसे तू अप्सरा की रानी